नेशनल डेस्क : भारतीय सेना के प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने शनिवार को पाकिस्तान के आर्मी चीफ ने फील्ड मार्शल असीम मुनीर पर कड़ा हमला करते हुए कहा कि युद्ध में केवल सैन्य ताकत ही नहीं, बल्कि ‘नैरेटिव मैनेजमेंट’ भी अहम भूमिका निभाता है। उनके इस बयान ने दोनों देशों के बीच एक नया संवाद शुरू कर दिया है।
भारतीय सेना की ताकत: ऑपरेशन ‘सिंदूर’ और पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
22 अप्रैल का हमला और भारत का जवाब
2023 में जम्मू कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हुए एक आतंकवादी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस हमले के बाद भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई और रणनीति पर विचार-विमर्श के लिए 23 अप्रैल को शीर्ष राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व की एक बैठक हुई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस बैठक में एक अहम बयान दिया, जिसमें उन्होंने साफ कहा, “बस अब बहुत हो चुका,” और यह संकेत दिया कि अब सख्त कदम उठाए जाएंगे।
सैन्य नेतृत्व का भरोसा
जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि यह पहली बार था जब भारतीय सेना को राजनीतिक नेतृत्व से पूरी तरह से स्वतंत्रता और भरोसा मिला। उन्होंने बताया कि तीनों सेनाओं के प्रमुख इस बात पर सहमत थे कि अब आतंकवाद के खिलाफ कड़ा कदम उठाना चाहिए। भारतीय सेना को इस पूरी प्रक्रिया में ‘फ्री हैंड’ दिया गया, जिससे सैनिकों का मनोबल बढ़ा और उन्हें अपने विवेक से कार्रवाई करने का मौका मिला।
ऑपरेशन ‘सिंदूर’ की सफलता
7 मई 2023 को भारत ने आतंकवादियों के खिलाफ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की शुरुआत की। इस ऑपरेशन का उद्देश्य पाकिस्तान और पाकिस्तान द्वारा नियंत्रित कश्मीर में स्थित आतंकवादी ढांचों को नष्ट करना था। इस ऑपरेशन के दौरान भारतीय सेना ने जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकवादी संगठनों से जुड़े 100 से अधिक आतंकवादियों को मार गिराया। यह ऑपरेशन भारतीय सेना के लिए एक बड़ी सफलता साबित हुआ और उसने आतंकवादियों के खिलाफ अपनी दृढ़ता और ताकत को साबित किया।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया: गोलाबारी और ड्रोन हमले
भारत की इस जवाबी कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने सीमा पार गोलाबारी और ड्रोन हमलों के जरिए भारत को चुनौती देने की कोशिश की। हालांकि, भारतीय सेना ने पूरी सफलता के साथ पाकिस्तान के हमलों का सामना किया। भारतीय सेना के एयर डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तान के हमलों को विफल कर दिया और इसके बाद भारत ने अपनी प्रतिक्रिया में पाकिस्तान के 11 सैन्य ठिकानों, रडार इंस्टॉलेशन, कम्युनिकेशन हब और एयरफील्ड को नष्ट कर दिया।
पाकिस्तान के आर्मी चीफ पर जनरल द्विवेदी की टिप्पणी
पाकिस्तान के आर्मी चीफ असीम मुनीर को फील्ड मार्शल और पांच सितारा जनरल के पद पर पदोन्नत किए जाने पर जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने तंज करते हुए कहा कि अगर आप किसी पाकिस्तानी सैनिक से पूछें कि क्या आप युद्ध में जीते या हारे, तो वह कहेगा कि उसके आर्मी चीफ को फील्ड मार्शल बना दिया गया है। इससे साफ प्रतीत होता है कि पाकिस्तान युद्ध में हार चुका है, क्योंकि अगर वह जीतता, तो उसे अपने आर्मी चीफ को इस पद पर नियुक्त नहीं करता।
राजनीति और सैन्य नेतृत्व में सामंजस्य
जनरल द्विवेदी ने यह भी बताया कि भारतीय सेना को इस पूरी प्रक्रिया में राजनीतिक नेतृत्व से पूरा समर्थन मिला। उनका कहना था कि सैनिकों को जब स्पष्ट दिशा और भरोसा मिलता है, तो उनका मनोबल ऊंचा होता है और वे मैदान में अधिक प्रभावी तरीके से कार्य करते हैं। यह सही दिशा और विश्वास था, जिसने भारतीय सेना को आतंकवादियों के खिलाफ पूरी ताकत से ऑपरेशन करने की अनुमति दी।
क्या यह पाकिस्तान के लिए चेतावनी है?
भारत की इस निर्णायक और सशक्त प्रतिक्रिया ने पाकिस्तान को यह संदेश दिया है कि भारतीय सेना अपनी सीमाओं की रक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार है। साथ ही, ऑपरेशन ‘सिंदूर’ की सफलता ने पाकिस्तान को यह भी बता दिया कि भारत अब आतंकवाद को किसी भी कीमत पर सहन नहीं करेगा।
भारत की इस सफलता ने सिर्फ सैन्य दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा, रणनीतिक नेतृत्व और राजनीतिक स्पष्टता के संदर्भ में भी देश को एक नई दिशा दी है।
“भारत की सैन्य ताकत और पाकिस्तान की हार: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने बदल दी तस्वीर” भारतीय सेना के प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी का पाकिस्तान पर कड़ा प्रहार!

