बिहार में इंडिया ब्लॉक की वोटर अधिकार यात्रा: राहुल-तेजस्वी का EC पर वार, CM फेस पर चुप्पी बरकरार”

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नेशनल डेस्क: बिहार की सियासत में इन दिनों इंडिया ब्लॉक की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ सुर्खियों में है। इस यात्रा का उद्देश्य मतदाता सूची से कथित रूप से हो रही अनियमितताओं के खिलाफ आवाज उठाना और जनता को जागरूक करना है। रविवार को कांग्रेस सांसद एवं लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान दोनों नेताओं ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए और भाजपा के साथ मिलीभगत का दावा किया।

SIR को बताया वोट चोरी की साजिश

राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि बिहार में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के नाम पर लाखों मतदाताओं के नाम अवैध तरीके से हटाए जा रहे हैं। उन्होंने इसे “संस्थागत वोट चोरी की साजिश” बताते हुए कहा कि चुनाव आयोग अपनी निष्पक्ष भूमिका निभाने में विफल हो रहा है। राहुल का आरोप था कि, “चुनाव आयोग, चुनाव आयुक्त और बीजेपी के बीच साझेदारी है। महाराष्ट्र, हरियाणा और कर्नाटक में भी मतदाता सूची में गड़बड़ी हुई और हमनें यह साबित किया। लेकिन बिहार में हम ऐसा नहीं होने देंगे।”

राहुल गांधी ने आगे कहा कि “हमारा उद्देश्य सिर्फ यात्रा निकालना नहीं, बल्कि वोटरों के अधिकार की रक्षा करना है। चुनाव आयोग का काम निष्पक्ष और सही मतदाता सूची जारी करना है, लेकिन यह जिम्मेदारी पूरी नहीं की जा रही। बिहार के लोग वोट चोरी की बात को समझ रहे हैं और इस कारण यात्रा को भारी जनसमर्थन मिल रहा है।”

फर्जी वोटर और हलफनामे का मुद्दा

राहुल ने सवाल उठाया कि चुनाव आयोग ने अब तक यह स्पष्ट नहीं किया कि कथित फर्जी वोटर कौन हैं और वे सूची में कैसे शामिल हुए। उन्होंने कहा, “जब मैंने इस पर सवाल उठाया तो मुझसे हलफनामा मांगा गया, लेकिन जब भाजपा के अनुराग ठाकुर ने इसी तरह के आरोप लगाए तो उनसे ऐसा कोई हलफनामा नहीं मांगा गया। इससे साबित होता है कि आयोग निष्पक्ष नहीं है।”

CM फेस पर राहुल की चुप्पी

बिहार में सीएम फेस को लेकर पूछे गए सवाल पर राहुल गांधी ने सीधा जवाब देने से बचते हुए कहा कि इंडिया ब्लॉक में तालमेल बहुत अच्छा है और सब एक-दूसरे का सम्मान करते हैं। राहुल का कहना था कि “पार्टनरशिप मज़बूत है, कोई तनाव नहीं है। राजनीतिक और वैचारिक रूप से हम एकजुट हैं और हमें भरोसा है कि नतीजे अच्छे आएंगे।” हालांकि, उन्होंने तेजस्वी यादव को सीएम पद का चेहरा घोषित करने के सवाल पर कोई सीधा बयान नहीं दिया।

तेजस्वी यादव का EC पर हमला

प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेजस्वी यादव ने भी चुनाव आयोग पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि “चुनाव आयोग अब स्वतंत्र संस्था नहीं रहा, यह बीजेपी के एक सेल की तरह काम कर रहा है। इसकी साख खत्म हो चुकी है।” तेजस्वी ने दावा किया कि लोकतंत्र और संविधान बचाने के लिए ही ‘वोटर अधिकार यात्रा’ निकाली गई है।

तेजस्वी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि “प्रधानमंत्री समाज में नफरत फैलाने की राजनीति कर रहे हैं। गया में पीएम ने कहा कि मतदाता सूची से अवैध प्रवासियों के नाम हटाए जा रहे हैं, जबकि खुद चुनाव आयोग के दस्तावेज़ इसे खारिज करते हैं।”

यात्रा को मिल रहा जनसमर्थन

इंडिया ब्लॉक की यह यात्रा बिहार के कई जिलों से होकर गुजर रही है। राहुल गांधी के अनुसार, लोग स्वेच्छा से इस अभियान से जुड़ रहे हैं। उनका कहना है कि “बिहार के करोड़ों लोग अपने वोट के अधिकार को बचाने के लिए हमारे साथ हैं। हम हर स्तर पर कोशिश कर रहे हैं कि चुनाव आयोग निष्पक्ष भूमिका निभाए और वोट चोरी की साजिश न हो।”

बिहार की राजनीति में यह यात्रा विपक्ष के लिए बड़ा राजनीतिक संदेश बनकर उभर रही है। एक ओर जहां राहुल गांधी और तेजस्वी यादव चुनाव आयोग पर लगातार हमलावर हैं, वहीं सीएम फेस पर चुप्पी बनाए हुए हैं। इससे संकेत मिलता है कि विपक्षी दल रणनीति के तहत संयुक्त मोर्चा बनाए रखना चाहते हैं। आने वाले समय में यह यात्रा बिहार की चुनावी राजनीति में कितना असर डालेगी, यह देखने वाली बात होगी।

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