नेशनल डेस्क: जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में एक बड़ी प्राकृतिक आपदा की खबर सामने आई है। पड्डर सब-डिवीज़न के चशोती गांव में मचैल माता मंदिर के पास बादल फटने की घटना हुई है, जिसके बाद इलाके में अचानक बाढ़ जैसे हालात बन गए। यह क्षेत्र मचैल माता की प्रसिद्ध वार्षिक यात्रा का शुरुआती बिंदु है और घटना के समय तीर्थयात्रा चल रही थी, जिससे वहां काफी भीड़ थी।
तेज बारिश के बीच फटा बादल, यात्रा मार्ग बहा
चशोती गांव में जो बादल फटा है वह मचैल माता मंदिर के नजदीक है, जहां हर साल हजारों श्रद्धालु मां चंडी के दर्शन के लिए आते हैं। बादल फटने के बाद तेज बहाव के कारण रास्ते और पुल बह गए हैं, जिससे बचाव दलों को घटनास्थल तक पहुंचने में परेशानी हो रही है।
ताजा जानकारी के अनुसार, इस हादसे में अब तक 12 लोगों के मारे जाने की आशंका जताई जा रही है। हालांकि, प्रशासन की ओर से हताहतों की पुष्टि अभी नहीं की गई है क्योंकि बचाव दल पूरी तरह मौके तक नहीं पहुंच पाए हैं।
प्रशासन और केंद्र सरकार तुरंत हरकत में आई
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने जैसे ही इस घटना की जानकारी प्राप्त की, उन्होंने तुरंत किश्तवाड़ के उपायुक्त पंकज कुमार शर्मा से बात की और राहत कार्यों की जानकारी ली। मंत्री ने कहा कि प्रशासन ने तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है और स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि आवश्यक चिकित्सा और अन्य व्यवस्थाएं की जा रही हैं ताकि प्रभावित लोगों को त्वरित सहायता मिल सके।
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को बुलाने की मांग
जम्मू-कश्मीर के नेता प्रतिपक्ष और स्थानीय विधायक सुनील कुमार शर्मा ने बताया कि घटनास्थल पर भारी भीड़ थी क्योंकि मचैल माता यात्रा अभी चल रही थी। उन्होंने कहा कि, “हमें अभी तक सटीक संख्या या नुकसान का पूरा अंदाजा नहीं है, लेकिन आशंका है कि जनहानि और आर्थिक नुकसान भारी है।”उन्होंने यह भी जानकारी दी कि वे उपराज्यपाल से बात कर एनडीआरएफ की टीम भेजने की मांग करेंगे ताकि बचाव कार्यों में तेजी लाई जा सके।
उपराज्यपाल ने जताया दुख, दिए राहत तेज करने के निर्देश
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी इस आपदा पर शोक जताया। उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से लिखा,”चशोती किश्तवाड़ में बादल फटने की घटना से व्यथित हूं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।”उन्होंने सिविल प्रशासन, पुलिस, सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ को निर्देश दिए हैं कि वे बचाव और राहत अभियान को और तेज करें और प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता दें।
मचैल माता यात्रा पर असर, श्रद्धालुओं की सुरक्षा बनी चुनौती
मचैल माता यात्रा जम्मू-कश्मीर के सबसे प्रसिद्ध तीर्थों में से एक है और यह यात्रा हर साल भद्रवाह के चिनोट से शुरू होकर मचैल गांव में स्थित माता चंडी मंदिर तक जाती है।
इस साल की यात्रा के दौरान यह दुर्भाग्यपूर्ण हादसा हुआ है जिससे न सिर्फ प्रशासन के सामने एक बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है बल्कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा भी चिंता का विषय बन गई है।
बचाव कार्य जारी, रास्ता टूटने से हो रही परेशानी
बादल फटने के कारण मचैल मंदिर की ओर जाने वाली सड़क बह गई है जिससे राहत और बचाव कार्य में देरी हो रही है।हालांकि, प्रशासन, पुलिस और आपदा प्रबंधन विभाग मिलकर स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं। सेना और हेलिकॉप्टर की मदद से राहत सामग्री पहुंचाने और घायलों को निकालने की योजना पर भी विचार किया जा रहा है।
स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं उच्च अधिकारी
डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि उनका कार्यालय लगातार जिला प्रशासन के संपर्क में है और उन्हें नियमित अपडेट मिल रहे हैं। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि जो भी सहायता आवश्यक होगी, केंद्र सरकार की ओर से उपलब्ध कराई जाएगी।
नुकसान का आकलन जारी, लोगों से की गई संयम बरतने की अपील
घटना के बाद क्षेत्र में अफरा-तफरी का माहौल है लेकिन स्थानीय प्रशासन और पुलिस लोगों से संयम बनाए रखने की अपील कर रहे हैं। अभी तक जान-माल के पूरे नुकसान का आंकलन नहीं हो पाया है परंतु प्रारंभिक रिपोर्ट्स से भारी तबाही की आशंका है।
एकजुटता और तत्परता की जरूरत
इस तरह की आपदाएं अचानक आती हैं और बहुत कुछ पीछे छोड़ जाती हैं। ज़रूरी है कि हम इस वक्त एकजुट रहें और प्रशासन को सहयोग दें ताकि राहत कार्यों में किसी तरह की बाधा न आए।