नेशनल डेस्क: अगस्त का महीना खत्म होने वाला है, लेकिन देशभर में मॉनसून का असर कम होने के बजाय और तेज हो गया है। उत्तर से लेकर दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक लगातार हो रही बारिश ने जनजीवन को प्रभावित कर दिया है। कई जगह जलभराव, बाढ़ और भूस्खलन जैसी समस्याएं सामने आ रही हैं, जिससे लोगों को रोजमर्रा की जिंदगी में काफी दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं।
दिल्ली-एनसीआर में फुहारों से राहत, पर उमस की चिंता
राष्ट्रीय राजधानी और उसके आसपास के शहरों में सुबह से ही हल्की से मध्यम बारिश का दौर जारी है। इससे तपिश और उमस से परेशान लोगों को थोड़ी राहत मिली है। मौसम विभाग के मुताबिक दिनभर बादल छाए रहेंगे और कई स्थानों पर बारिश रुक-रुक कर होती रहेगी। तापमान सामान्य से 2–4 डिग्री तक गिर सकता है। हालांकि, लगातार बारिश के कारण निचले इलाकों में जलभराव और ट्रैफिक जाम की समस्या खड़ी हो सकती है।
उत्तर प्रदेश में तेज बारिश का अनुमान
पश्चिमी और पूर्वी यूपी के कई जिलों में बारिश का सिलसिला जारी है। लखनऊ, अयोध्या, गाजियाबाद, मेरठ, मुजफ्फरनगर, गोरखपुर और वाराणसी जैसे इलाकों में अच्छी वर्षा की संभावना जताई गई है। पिछले दो दिनों से हो रही बारिश से मौसम सुहाना हो गया है, लेकिन अगले हफ्ते के मध्य तक कुछ इलाकों में उमस फिर बढ़ सकती है। मौसम विभाग ने 29 और 30 अगस्त को राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश की संभावना जताई है।
बिहार के 20 जिलों में अलर्ट
बिहार में भी मॉनसून पूरी तरह सक्रिय है। मौसम विभाग ने पटना, गया, औरंगाबाद, भोजपुर, बक्सर, कैमूर, नालंदा, जमुई, बेगूसराय, भागलपुर और खगड़िया सहित 20 जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया है। राजधानी पटना समेत कई जगहों पर पहले ही भारी वर्षा दर्ज की जा चुकी है। जलभराव के कारण यातायात प्रभावित हो रहा है और निचले क्षेत्रों में पानी भरने की शिकायतें बढ़ गई हैं। अनुमान है कि फिलहाल बारिश का क्रम जारी रहेगा, लेकिन इसके बाद मानसून थोड़ा कमजोर पड़ सकता है।
राजस्थान में बाढ़ जैसे हालात
राजस्थान में पिछले 24 घंटों से हो रही मूसलाधार बारिश ने कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए हैं। सरकार ने सुरक्षा के मद्देनजर 13 जिलों में स्कूल बंद रखने का आदेश दिया है। राहत एवं बचाव दल को तैनात किया गया है, क्योंकि कई इलाकों में पानी का स्तर लगातार बढ़ रहा है।
हिमाचल और उत्तराखंड में भूस्खलन का खतरा
हिमाचल प्रदेश में लगातार बारिश से डलहौजी में बादल फटने की घटना हुई, जिससे नदियों में पानी का स्तर अचानक बढ़ गया। कई सड़कों पर भूस्खलन के कारण यातायात बाधित हुआ है।
उत्तराखंड में भी हालात चिंताजनक बने हुए हैं। बागेश्वर, टेहरी, उत्तरकाशी और रुद्रप्रयाग जिलों में लगातार भारी बारिश हो रही है। कई बार मलबा गिरने से रास्ते बंद हो जाते हैं जिन्हें खोलने के लिए प्रशासन को भारी मशक्कत करनी पड़ रही है। मौसम विभाग ने यहां भारी से बहुत भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है।
जम्मू-कश्मीर में स्कूलों की छुट्टी
जम्मू-कश्मीर में लगातार खराब मौसम के कारण आज स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी गई। कई निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति बनी हुई है। मौसम विभाग ने 26 अगस्त तक यहां भारी बारिश की संभावना जताई है।
पहाड़ों से मैदान तक आफत की बरसात
उत्तराखंड, हिमाचल और जम्मू-कश्मीर जैसे पहाड़ी राज्यों में लगातार वर्षा ने प्रशासन की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। नदियों और झीलों का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी करते हुए लोगों को नदी किनारे जाने से मना किया गया है। वहीं, मैदानी इलाकों में जलभराव से बीमारियों और गंदगी का खतरा बढ़ गया है।
बारिश के फायदे और चुनौतियां
मॉनसून भारत के लिए कृषि की रीढ़ है। पर्याप्त वर्षा से फसलों को लाभ होता है और जलस्रोत भरते हैं। लेकिन जब बारिश जरूरत से ज्यादा होती है, तो वही जीवनदायिनी जलधारा तबाही का कारण बन जाती है। इस बार कई राज्यों में यही स्थिति देखने को मिल रही है।
देश के अलग-अलग हिस्सों में बारिश राहत और आफत दोनों का कारण बनी हुई है। पहाड़ी राज्यों में भूस्खलन और बाढ़ का खतरा है, तो मैदानों में जलभराव और ट्रैफिक जाम की समस्या लोगों को परेशान कर रही है। सरकारें राहत-बचाव कार्यों में जुटी हैं, लेकिन मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है।
अगले कुछ दिनों में बारिश का क्रम जारी रहने की संभावना है, ऐसे में सावधानी और सतर्कता ही सबसे बड़ा सुरक्षा उपाय है।